LOVE QUOTES IN HINDI
•चले जो कदम कदम तू साथ मेरे
•तो तेरे साथ से प्यार हो जाए.
•थामे जो प्यार से तू हाथ मेरा
•तो अपने हाथ से प्यार हो जाए.
•जिस रात आए खवाबों मे
•तू उस सुहानी रात से प्यार हो जाए.
•जिस बात मे आए जीकर तेरा
•तो उसी बात से प्यार हो जाए.
•जो पुकारे तू प्यार से नाम मेरा तो
•अपने ही नाम से प्यार हो जाए.
•होता है इतना खूबसूरत ये प्यार अगर तो
•खुदा करे तुझे भी मेरे प्यार से प्यार हो जाए.
LOVE LINE IN HINDI
जब भी होगी पहली बारिश,
तुमको सामने पायेंग़े..
वो बुंदो से भरा चेहरा,
तुम्हारा हम कैसे देख पायेंगे..
बहेगी जब भी सर्द हवाये,
हम खुद को तन्हा पायेंगे..
एहसास तुम्हारे साथ का,
हम कैसे महसूस कर पायेंगे..
इस डुबती हुई ज़िन्दगी मे,
तो हम बिल्कुल ही रुक जायेंगे..
थाम लो हमे गिरने से पहले,
हम कैसे यूं जी पायेंग़े..
ले डुबेगा ये दर्द हमें,
और हम जीते जी मर जायेंगे ।
Love shayri in hindi 2021
मैं लाख हकीकत कह दूँ पर उनको अफसाना लगता है
मेरा दर्द से चिल्ला उठना भी उनको तो बहाना लगता है
पलकें हों बंद नज़र नीची जब गुज़रो उनकी गलियों से
महबूब के घर में तो शायद हिटलर का जमाना लगता है
तीरंदाजी का ये जौहर वो जिस -जिस वक़्त दिखाते हैं
तब हम ही निशाने बनते हैं जब उनका निशाना लगता है
महफिल में मिले हमसे पर कुछ उखड़े उखड़े से तेवर थे
दिलवर से दिल की कहने में भी क्या हरजाना लगता है
हाँथों में उनके जाँ रख दी वो मार चले ठोकर उसको
मेरा यूँ झुक जाना उनको शायद डर जाना लगता है
होशियार रहे हम छल जाये बाथम न दुश्मन कोई हमको
जो मार गया खंजर दिल पे वो दोस्त पुराना लगता है
Love poem in hindi 2021
वो मेहंदी लगे हाथ दिखा के रोई।
मैं किसी और की हूँ वो ये बता के रोई।।
मैं बोला कौन है वो खुशनसीब।
वो मेहंदी से लिखा हुआ नाम दिखा के रोई।।
कहीं ग़म से फट ना जाये जिगर मेरा।
वो हँसते हँसते मुझे हँसा के रोई।।
दिल ना टूटे उसका ग़म-ए-इजहार में।
मैं भी रोया वो भी आँख से आँख मिला के रोई।।
उसने जाना जब मेरे रोने का सबब।
अपने आँसू मेरी हथेली पे सजा के रोई।।
जब भी देखा उसे हँसते हुए देखा।
वक़्त-ए-हिना हर खुशी को वो भूला के रोई।।
दिल ने चाहा उसे जी भर के देख लूँ।
वो मेरी आँखों की प्यास को बुझा के रोई।।
कभी कहती थी कि मैं नहीं जी पाऊँगी तुम बिन।
और आज फिर वो ये बात बार बार दोहरा के रोई।।
Deep Love status in hindi 2021
जाके सुना दे कोई ये ऐलान पत्थरों से मिनारो से
आज निकला है शैलाब मखमली किनारों से
वर्षो से बंद थी गुमनाम थी चिड़िया आसमानों की
उसने परो को लड़ाया है लोहे की दीवारों से
तेरे जोर जुल्म सितम सब फिके पड़ जायेंगे
अब जाके तु टकराया है हौसलों के गुब्बारों से
बुरे हालात ने रोका है पर मै चुका नहीं हूं
ये बात कोई बता दे मेरे निगारो से
आज अंधेरा है कल फिर सूरज निकलेगा
दिल ना हारे कह दे इन नज़ारों से
उसने नफरत की जमीं पे कुछ उगाया है समन्दर
कोई दरिया नहीं बनता मजधारो से
0 Comments
कृपया टिप्पणी बॉक्स में कोई स्पैम लिंक या आपतिजनक बाते दर्ज न करें