2023 के सबसे बड़ा SCAM | Hindenburg की कहानी, जिसने हिलाई Gautam Adani के साम्राज्य की जड़ें


24 जनवरी 2023. ये वो तारीख़ है, जिसने भारतीय उद्योगपति गौतम अदानी के लिए कई मुश्किले खरी कर दीं. गौतम अडानी दुनिया में अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर रहने वाले मात्र 10 दिन में 20वें स्थान पर कैसे पहुंच गए ।आखिर ऐसा क्या था हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में तथा ये हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है इसी पर आज चर्चा करेंगे।

अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट हुई है। वहीं गौतम अडानी दुनिया में अमीरों की लिस्ट में 20वें स्थान पर पहुंच गए हैं।

इस रिपोर्ट में अडानी समूह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे. साथ ही रिपोर्ट में अडानी समूह से 88 सवाल पूछे गए थे. जिसे की अडानी समूह ने इस रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया था ।

रिपोर्ट आने के बाद से गौतम अडानी के लिए शेयर बाज़ार की दुनिया से अच्छी ख़बरें नहीं आई हैं. ये गौतम अडानी ही थे, जो कुछ दिन पहले तक दुनिया के तीसरे नंबर के रईस थे.

मगर हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के 10 दिनों के भीतर वो रईसों के लिस्ट में टॉप 20 से भी बाहर हो गए हैं. इसके अलावा गौतम अदानी ने 20 हज़ार करोड़ रुपये के एफ़पीओ को भी रद्द कर दिया था. और अब कंपनी भारी नुकसान में है. तों ये सारे कारनामे के पीछे हिंडनबर्ग के बारे में भी जान लेना जरुरी है।

तों हिंडनबर्ग एक रिसर्च कंपनी है जिसकी स्थपना 2017 में की गई थी जिसका संस्थापक नाथन एंडरसन है

हिंडनबर्ग कहती है कि उसके पास इन सभी कामो का 10 बर्षो का अनुभव है.और हिंडनबर्ग के वेबसाइट यह दावा करती है कि हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी अपनी रिपोर्ट्स और दूसरी तरह की कार्रवाइयों से पहले भी कई कंपनियों के शेयर्स गिरा चुकी है.

अडानी से पहले हिंडनबर्ग ने एक बड़ी ट्रक कंपनी निकोला का पर्दाफास किया था और. ये मामला जब अदालत तक पहुंचा था, तब निकोला कंपनी के फाउंडर को दोषी पाया गया था.

हिंडनबर्ग ने साल 2020 के बाद से लगभग 30 कंपनियों की रिसर्च रिपोर्ट उजागर की है और रिपोर्ट रिलीज़ होने के अगले ही दिन उस कंपनी के शेयर औसतन 15 परसेंट तक गिर गए.और यह अगले छह महीने में इन कंपनियों के शेयरों में औसतन 26 परसेंट से ज़्यादा की गिरावट हो गई.

हिंडनबर्ग अपनी वेबसाइट में उन रिपोर्ट्स की लिस्ट भी देती है, जो वो सितंबर 2020 से लेकर अब तक पब्लिश कर चुकी है.

हिंडनबर्ग किसी कंपनी की जाच बिभिन्न तरह से करती है जैसे

  • अकाउंटिंग में अनियमितताएं
  • अहम पदों पर 'अयोग्य' व्यक्ति
  • नाजायज लेन-देन
  • किसी तरह की ग़ैर-क़ानूनी/ अनैतिक व्यापार या वित्तीय रिपोर्टिंग प्रैक्टिस

आप हिंडनबर्ग के बारे में जान ही गये है तों ये भी जान लीजिये की हिंडनबर्ग नाम कहां से आया?

बात साल 1937 की है जब जर्मनी में हिटलर का राज था. इस दौर में एक स्पेसशिप था जिसका नाम हिंडनबर्ग स्पेसशिप था

स्पेसशिप के पीछे नाज़ी दौर की गवाही देता स्वास्तिक बना हुआ था. अमेरिका के न्यू जर्सी में इस स्पेसशिप को ज़मीन से जो लोग देख रहे थे, उन्हें तभी कुछ असामान्य दिखा. एक तेज़ धमाका हुआ और आसमान में दिख रहे हिंडनबर्ग स्पेसशिप में आग लग गई. लोगों के चीखने की आवाज़ें सुनाई देने लगीं. स्पेसशिप ज़मीन पर गिर गया. मात्र 30 सेकेंड से कम वक़्त में सब कुछ तबाह हो चुका था.

वहां मौजूद लोगों को बचाने के लिए कुछ लोग आगे बढ़े. कुछ लोगों को बचाया जा सका और कुछ को बचाने के लिए काफी देर हो चुकी थी.

जलते स्पेसशिप के धुएं ने आसमान को काला कर दिया था. अब जो बचा था, वो स्पेसशिप के अवशेष थे.

इस स्पेसशिप में 16 हाइड्रोजन गैस के गुब्बारे थे. स्पेसशिप में क़रीब 100 लोगों को जबरन बैठा दिया गया था और हादसे में 35 लोगों की जान चली गई थी.

माना जाता है कि हाईड्रोजन के गुब्बारों में पहले भी हादसे हुए थे, ऐसे में सबक लेते हुए इस हादसे से बचा जा सकता था.


हिंडनबर्ग के पीछे हिंडनबर्ग रिसर्च के प्रमुख नेथन उर्फ नेट एंडरसन के बारे में भी जानना जरुरी है


एंडरसन ने साल 2017 में हिंडनबर्ग कंपनी की स्थापना की थी. नेट एंडरसन ने अमेरिका की कनाटीकेट यूनिवर्सिटी University of Connecticut से पढ़ाई की है. तथा एंडरसन ने इंटरनेशनल बिजनेस की भी पढ़ाई की थी और करियर की शुरुआत फैक्ट-सेट रिसर्च सिस्टम नाम की एक डेटा कंपनी से की थी. इस कंपनी में एंडरसन ने इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनियों के साथ काम किया था.

लेकिन इन दिनों नेट एंडरसन की वजह से शेयर बाज़ार में हंगामा मचा है और इसका सीधा असर गौतम अदानी पर हो रहा है.

हिंडनबर्ग कंपनी कहती है, की ''हिंडनबर्ग हादसे की तर्ज़ पर ही हम शेयर बाज़ार में हो रहे गोलमाल और गड़बड़ियों पर निगरानी रखते हैं. उनकी पोल खोलना और सच्चाई सामने लाना हमारा मकसद है.''


जैसे हिंडनबर्ग हादसे में लोगों का नुकसान हुआ था ठीक वैसे ही हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी कहती है कि वो लोगों को शेयर बाज़ार में ऐसे वित्तीय हादसों से बचाने या ख़तरे में पड़ने से बचाने का काम करती है.

तथा कंपनी कैसे किसी रिपोर्ट को तैयार करती है? इसका व्योरा कंपनी की वेबसाइट से ही मिलती है. कंपनी कहती है कि वो जिस आधार पर रिपोर्ट बनाती है वो काफ़ी मुश्किल होती है.


जैसे की

  • निवेश के फ़ैसले देने के लिए विश्लेषण को आधार बनाते हैं
  • इनवेस्टिगेटिव रिसर्च करते हैं
  • सूत्रों से मिली गुप्त जानकारियों पर भी रिसर्च करती है

तों आज के लिए इतना ही अगर आपको इस आर्टिकल से कुछ सिखने को मिला होगा तों इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर किजियेगा  तबतक के लिए धन्यवाद

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