कुमार विश्वास की कविताएं ~ Kumar vishwas poem in hindi.

Kumar-vishwas

कुमार विश्वास की कविताएं- बात करनी है बात कौन करे..


बात करनी है बात कौन करे 

दर्द से दो दो हाथ कौन करे 

हम सितारे तुम्हें बुलाते हैं 

चाँद न हो तो रात कौन करे 

अब तुझे रब कहें या बुत समझें 

इश्क़ में ज़ात-पात कौन करे 

ज़िंदगी भर की थे कमाई तुम 

इस से ज़्यादा ज़कात कौन करे


कुमार विश्वास की कविताएं- ख़ुद को आसान कर रही हो ना...

ख़ुद को आसान कर रही हो ना 

हम पे एहसान कर रही हो ना 

ज़िंदगी हसरतों की मय्यत है 

फिर भी अरमान कर रही हो ना 

नींद सपने सुकून उम्मीदें 

कितना नुक़सान कर रही हो ना 

हम ने समझा है प्यार पर तुम तो 

जान पहचान कर रही हो ना

कुमार विश्वास की कविताएं- फिर मिरी याद आ रही होगी.. 

फिर मिरी याद आ रही होगी 

फिर वो दीपक बुझा रही होगी 

फिर मिरे फेसबुक पे आ कर वो 

ख़ुद को बैनर बना रही होगी 

अपने बेटे का चूम कर माथा 

मुझ को टीका लगा रही होगी 

फिर उसी ने उसे छुआ होगा 

फिर उसी से निभा रही होगी 

जिस्म चादर सा बिछ गया होगा 

रूह सिलवट हटा रही होगी 

फिर से इक रात कट गई होगी 

फिर से इक रात आ रही होगी

कुमार विश्वास की कविताएं- तुम्हें जीने में आसानी बहुत है... 

तुम्हें जीने में आसानी बहुत है 

तुम्हारे ख़ून में पानी बहुत है 

कबूतर इश्क़ का उतरे तो कैसे 

तुम्हारी छत पे निगरानी बहुत है 

इरादा कर लिया गर ख़ुद-कुशी का 

तो ख़ुद की आँख का पानी बहुत है 

ज़हर सूली ने गाली गोलियों ने 

हमारी ज़ात पहचानी बहुत है 

तुम्हारे दिल की मन-मानी मिरी जाँ 

हमारे दिल ने भी मानी बहुत है

कुमार विश्वास की कविताएं- दिल तो करता है ख़ैर करता है.. 

दिल तो करता है ख़ैर करता है 

आप का ज़िक्र ग़ैर करता है 

क्यूँ न मैं दिल से दूँ दुआ उस को 

जबकि वो मुझ से बैर करता है 

आप तो हू-ब-हू वही हैं जो 

मेरे सपनों में सैर करता है 

इश्क़ क्यूँ आप से ये दिल मेरा 

मुझ से पूछे बग़ैर करता है 

एक ज़र्रा दुआएँ माँ की ले 

आसमानों की सैर करता है

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1 Comments

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