International Labour Day 2022 : जाने हम मजदूर दिवस क्यों मानते है और मजदुर दिवस का इतिहास के बारे में ...

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1 मई यानी मजदूर दिवस के दिन है आज के दिन दुनिया भर के कामगार अपने हक के आवाज बुलंद करते है खुद के खिलाप हो रहे अन्याय के खिलाप आवाज उठाते है और सरकार व औथोर्टी से अपने हक की मांग करते है इसलिए दुनिया भर में मजदुर दिवस काफी मायने रखता है । मजदूर दिवस आज दुनिया के हर देशो में मनाया जाता है और आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे, मजदूर दिवस क्या है और ये मजदूर दिवस क्यों मनाते है तथा मजदूर दिवस का इतिहास के बारे में जानेंगे।

पहली बात हम आपको बता दूँ की मजदूर का मतलब हमेशा गरीब से ही नहीं होता है तो मजदूर क्या होता है मजदूर वो इकाई है जो हर सफलता का अभिन्न अंग होता है फिर चाहे वो इट बनाने वाला कार्य करने वाला हो या ऑफिस में फाइल के बिच दवा हुआ कर्मचारी । हर वो इनसान जो किसी संस्था के लिए काम करता है और पैसे लेता है वो मजदूर है ।

हमारे समाज में हमेशा मजदूर इंसान को गरीब इंसान समझा जाता है धूप में काम करने वालों को ही सब मजदूर समझते है । इसके विपरीत वो समाज का एक अभिन्न अंग है जो समाज को मजबूत और परिपक बनता है, समाज को सफलता की ओर ले जाता है ।

यही कारण है इन सभी मजदूरों को सम्मान देने के लिए मजदूर दिवस मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस को अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी दिवस व मई दिवस भी कहते है । इसे पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय तौर पर मनाया जाता है ताकि मजदूर संगठन को बढ़ावा प्रोत्साहन मिल सके ।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत (Labour day history in Hindi)

अगर हम मजदूर दिवस का इतिहास के इतिहास के बारे में बात करें तों मजदुर दिवस की शुरुआत कहां से हुई थी और भारत में मजदुर दिवस से कब शुरू हुआ थाअंतरराष्ट्रीय तौर पर लेबर डे मनाने की शुरुआत 1 मई 1989 से हुई थी इसकी शुरुआत अमेरिका की एक घटना से हुई, दरअसल 1 मई सन 1886 को अमेरिका के मजदूर संघो ने मिल कर यह फैसला किया की वो आठ घंटे से ज्यदा काम नहीं करेंगे ।

इस मांग के साथ उन्होंने हरताल करनी शुरू कर दी । हरताल के दौरान शिकागो के हेमार्केट में एक बम धमाका हुआ जिसके बाद वह वहां की पुलिस ने मजदूरों पर गोली चलाना शुरु कर दिया जिसमें 100 से ज्यादा तादात में मजदूरों की मौत हो गई और कई घायल हुए । इससे पूरी दुनियाके श्रमिकों में जोश पैदा हुआ ।

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दुनिया के तमाम देश में इस तरह की मांग होने लगी इस बीच फ्रांस की राजधानी पेरिस में 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया । जिसमें यह ऐलान किया गया कि 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा साथ ही इस दिन सभी कामगारों और श्रमिकों का अवकाश रहेगा “1 may labour day holiday in India” और आज भारत समेत दुनिया के 80 देशों में राजकीय छुट्टी होती है ।

Labour day 2022 in India

हालांकि भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1923 से हुई1920 के दशक में भारत कई राजनीतिक घटनाओं का साक्षी बना है एक तरफ देश में कांग्रेस और महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन हुआ । वही देश में पहली बार कम्युनिस्ट आंदोलन की शुरुआत भी हुई । उस समय के अखबार में छपी खबर के अनुसार 1 मई 1923 को ही उस कम्युनिस्ट नेता "सिंगारेव्लू चत्यार" के नेतृत्व में पहली बार चेन्नई में लाल झंडा फहराया गया ।

यह भारत के इतिहास में पहली बार था कि लाल झंडा फहराया गया था और इसी दिन लेबर, किसान पार्टी ऑफ़ हिन्दुस्तान के नेता और कम्व्रेज सिंगारेव्लू चत्यार के नेतृत्व में मद्राश ,में पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया । चत्यार के नेतृत्व में मद्राश हाई कोर्ट के सामने प्रदर्शन किया गया इस दिन को पूरे भारत में मजदूर दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया साथ ही छुट्टी का ऐलान किया गया । उसके बाद भारत के मजदूर दिवस की अपनी एक अलग जगह बन गई क्योंकि आजादी के बाद कम्युनिस्ट पार्टियों ने मजदूरों की सियासत को आगे बढ़ाया और मजदूरों के नाम पर देश के कई राज्यों में सत्ता में भी रही हालांकि ऐसा नहीं है कि आज वस्तु जीवन और प्रासंगिक हो गया है बल्कि आज मजदूरों के हक को लेकर आवाज दुगनी ताकत से उठाए जाने की जरूरत है । 

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